Attain Liberation for Ancestors
Gaya Shradh Puja
देवकार्यादपि सदा पितृकार्यं विशिष्यते | देवताभ्यो हि पूर्वं पितॄणामाप्यायनं वरम् ||
देवकार्य की अपेक्षा पितृकार्य विशेषता मानी गयी है | अतः देवकार्य से पूर्व पितरों को तृप्त करना चाहिए | पितरों की प्रसन्नता से देवता स्वतः ही प्रसन्न हो जाते हैं |
Rs. 100/-
श्राद्धात् परतरं नान्यच्छ्रेयस्करमुदाहृतम् | तस्मात् सर्वप्रयत्नेन श्राद्धं कुर्याद् विचक्षणः ||
श्राद्ध का बहुत बडा महत्त्व है | श्राद्ध से बढकर कल्याणकारी और कोई कर्म नहीं होता है | अतः प्रयत्नपूर्वक अपने पितरों का विधिवत् श्राद्ध करते रहना चाहिए |
Aug Muhurat: 28, 29 and 30
गया श्राद्ध का महत्त्व
जो व्यक्ति गया जाने में सामर्थ्य होते हुए भी गया नही जाता है, उसके पितर सोचते हैं कि उनका संपूर्ण परिश्रम निरर्थक है | अतः मनुष्य को पूरे प्रयत्न के साथ गया जाकर सावधानी पूर्वक विधि विधान से पिण्डदान करना चाहिए |

श्राद्ध न करने वाले को कष्ट
श्राद्ध न करने वाले को भी पग-पग पर कष्ट का सामना करना पडता है | मृत प्राणी बाध्य होकर श्राद्ध न करने वाले अपने सगे समन्धियों का रक्त चूसने लगते हैं –
श्राद्धं न कुरुते मोहात् तस्य रक्तं पिबन्ति ते | (ब्रह्मपुराण )
श्राद्ध करने का फल
जो प्राणी विधिपूर्वक शान्तमग्न होकर श्राद्ध करता है , वह सभी पापों से रहित होकर मुक्ति को प्राप्त होता है तथा फिर संसार के चक्र में नहीं आता है | इतना ही नहीं श्राद्ध अपने अनुष्ठाता की आयु को बढा देता है, पुत्र प्रदानकर कुल-परम्परा को अक्षुण्ण रखता है, धन धान्य अम्बार लगा देता है, शरीर में बल पौरुष का संचार करता है , पुष्टि प्रदान करता है और यश का विस्तार करते हु सभी प्रकार के सुख प्रदान करता है –
आयुः पुत्रान् यशः स्वर्गं कीर्तिं बलं श्रियम् |
पशून् सौख्यं धनं धान्यं प्राप्नुयात् पितृपूजनात् || (यमस्मृति )
पशून् सौख्यं धनं धान्यं प्राप्नुयात् पितृपूजनात् || (यमस्मृति )


Liberation of Souls
The rituals performed in Gaya are believed to free the souls of ancestors from the cycle of rebirth and ensure their journey to the divine abode.
Ancestral Blessings: By performing Shradh and Pind Daan in Gaya, devotees seek the blessings of their ancestors, which are considered crucial for success and prosperity.
Spiritual Purity: Gaya is said to be endowed with a unique spiritual energy that purifies the soul and mind, making it an ideal place for these sacred rituals.
Following the Footsteps of Lord Rama: Performing these rituals in Gaya connects devotees to the divine act of Lord Rama, reinforcing the cultural and spiritual heritage of this holy site.








